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उत्तर प्रदेश के पांच बाहुबली नेता,नहीं जानते आप तो पढ़े और देखें

उत्तर प्रदेश के पांच बाहुबली नेता,नहीं जानते आप तो पढ़े और देखें


यूपी के पांच बाहुबली नेता, क्या आप जानते हैं ये कौन हैं? नहीं जानते तो,आज हम आपको बताते हैं। देश का सबसे बड़ा प्रदेश,उत्तर प्रदेश जहाँ इन बाहुबली की तूती बोलती है। इनका अपराध और राजनीति जगत से बहुत करीबी रिस्ता है। देश की राजनीति में अपराध जगत की एंट्री कोई नई बात नहीं है। यहां की सियासी जमीन पर कई नेताओं ने राज किया है, जो कभी अपराध की दुनिया के बेताज बादशाह थे।अब हम आपको बतातें इन बाहुबली नेताओं के बारें में,जिनका सियासत में भी चलता है सिक्का।



एक भारतीय माफिया-डॉन और उत्तर प्रदेश के राजनेता हैं। अंसारी मऊ निर्वाचन क्षेत्र से विधान सभा के सदस्य के रूप में रिकॉर्ड पांच बार विधायक चुने गए है। वह अन्य अपराधों सहित कृष्णमंद राय हत्या के मामले में मुख्य आरोपी थे, लेकिन अंसारी को दोषी नहीं ठहराया गया है। अंसारी ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के एक उम्मीदवार के रूप में अपना पहला विधानसभा चुनाव जीता, और अगले दो जिसमें एक स्वतंत्र के रूप में 2007 में, अंसारी बसपा में शामिल हो गए और 2009 के लोकसभा चुनाव में चुनाव लड़ा लेकिन असफलता मिली। जिसके बाद वसपा ने 2010 में उन्हें आपराधिक गतिविधियों के कारण पार्टी से निष्कासित कर दिया था बाद में उन्होंने अपने भाइयों के साथ अपनी पार्टी कौमी एकता दल का गठन किया। वह उत्तर प्रदेश विधायी विधानसभा चुनाव 2012 में माऊ सीट से विधायक चुने गए। 2017 में बसपा के साथ कौमी एकता दल को विलय कर दिया, और बसपा उम्मीदवार के रूप में विधानसभा चुनाव में पांचवीं वार विधायक के रूप में जीते।


https://cityandolannews.page/61uTor.html



रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ रजा भैया का नाम उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बाहुबली नेता के तौर पर लिया जाता है। अब तक निर्दलीय राजनीति करने वाला रजा भैया इस बार जनसत्ता दल बनाकर चुनावी मैदान में हैं। राजा भैया पर डीएसपी जिलाउल हक सहित कई हत्याओं का आरोप है। उनके पैतृक निवास प्रतापगढ़ जिले की कुंडा तहसील के बारे में कहा जाता था कि राज्य सरकार की सीमाएं यहां खत्म हो जाती हैं, क्योंकि वहां उनका अपना ही राज चलता था।


https://cityandolannews.page/nkE1im.html




जौनपुर के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता धनंजय सिंह की राजनीति में नेत्री भी कम रोचक नहीं रही। उनके बारे में कहा जाता है कि धनंजय सिंह के कथित तौर पर एनकाउंटर की घोषणा भी कर दी गई थी, लेकिन उन्होंने राजनीति में शरण लेकर खुद को बचाया। फिलहाल एक बार फिर वे संसदी का चुनाव लड़ना चाहते हैं।





उत्तर प्रदेश की राजनीति में अतीक अहमद को एक खतरनाक बाहुबली नेता के तौर पर जाना जाता है। वो देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की लोकसभा सीट फूलपुर से सांसद रह चुके हैं। उनपर हत्या की कोशिश, अपहरण, हत्या के करीब 42 मामले दर्ज हैं। फिलहाल अतीक अहमद जेल में हैं। लेकिन राजनीति में आने के बाद भी ये आज तक अपराध की दुनिया से बाहर नहीं निकल पाए हैं।



https://cityandolannews.page/tFV549.html
यूपी विधानसभा चुनाव 2017 में मोदी लहर में जहां एक ओर बड़े-बड़े दिग्गज नेता हार रहे थे, वहीं दूसरी ओर भदोही जिले के ज्ञानपुर सीट पर बाहुबली नेता व विधायक विजय मिश्र ने लगातार चौथी बार जीत हासिल की। विजय मिश्रा की गिनती पूर्वांचल में राजनीति के बाहुबलियों के तौर पर होता हैं। 2012 में जेल में रहते हुए भी विजय मिश्रा ने बड़े अंतर से चुनाव जीता था।


 


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