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नोएडा महागुन बिल्डर के दफ्तर से 35 लाख की डकैती का पुलिस ने किया खुलासा, 5 डकैत गिरफ्तार, 8 लाख रुपए बरामद

नोएडा महागुन बिल्डर के दफ्तर से  35 लाख की डकैती का पुलिस ने किया खुलासा, 5 डकैत गिरफ्तार , 8लाख रुपए बरामद


नोएडा ।नोएडा थाना फेज 3 क्षेत्र के सेक्टर 63 स्थित महागुन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में कुछ दिन पहले सिक्योरिटी गार्डों को बंधक बनाकर 35 लाख की डकैती हुई थी। डकैतों ने तिजोरी से 35 लाख रुपए ले उड़े थे। आज मेरठ जोन एडीजी प्रशांत कुमार की टीम व नोएडा पुलिस ने 35 लाख की डकैती का बड़ा खुलासा किया है । पुलिस ने इस मामले में 5 बदमाश गिरफ्तार किया है साथ ही डकैती में लूटी हुई रकम ₹8लाख रुपए बरामद किया है ।



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पुलिस के मुताबिक़ , गिरफ्तार किये गये अभियुक्तगण से की गई पूछताछ में पाया गया कि उदय, विवेक व सचिन के साथ मिलकर अपना खुद का डाटा एंट्री का काम शुरू करना चाहता था जिसके लिए उसे पैसों की जरूरत थी। ललित उपरोक्त महागुन आॅफिस, ए-19, सै0-63 में बतौर सुपरवाइजर कार्य करता है। उसने पिछले महीने चुनाव से एक दिन पहले उदय को बताया कि, 3-4 दिन पहले महागुन वालों का पैसा चुनाव में पकड लिया गया था, जिसके बाद से वह लोग अपना पैसा घर न ले जाकर ऑफिस  में ही रखते हैं। यदि कोशिश की जाये तो आराम से अच्छी खासी रकम लूटी जा सकती है। उदय ने यह सूचना गजराज को बताई। विवेक सै0-63 में ही ए-43 में नौकरी करता है। उसने रेकी कर बताया कि महागुन के पीछे वाली कम्पनी बन्द है। उस रास्ते से आसानी से महागुन के ऑफिस में घुस सकते हैं और गार्ड को भी पता नहीं चलेगा क्योंकि वह मेन गेट की तरफ रहते हैं।



उसने यह भी बताया कि घटना शनिवार/रविवार की रात में की जाये क्योंकि रविवार को  ऑफिस  बन्द रहता है जिसके कारण घटना की जानकारी लोगों को देरी से होगी। इस सूचना पर 13/14 अप्रैल की रात्रि में गजराज, उदय, ललित व विवेक द्वारा प्रयास किया गया, परन्तु गाॅर्डाे के सतर्क होने व शोर कर देने के कारण घटना नहीं कर सके थे और वापस आ गये थे। इसके 3-4 दिन बाद ललित ने फिर बताया कि जब तक आचार संहिता है, तभी तक पैसा ऑफिस  में रखा जायेगा। उसके बाद फिर से पैसा वह लोग घर ले जायेगें। 22 अप्रैल को गजराज के घर के सामने डा0 रामप्रकाश सारस्वत के हाते में फिर से मीटिंग हुई जिसमें उदय, गजराज, ललित, सचिन ठाकुर व उसका मामा नवरतन, गजराज की पत्नी सीमा व डा0 रामप्रकाश मौजूद थे। मीटिंग में यह तय हुआ कि दोबारा काफी लोगों को लेकर घटना की जायेगी , ताकि यदि गार्ड शोर करें तो उन्हें काबू में किया जा सके।


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ललित ने ऑफिस  के प्रथम तल व भूतल का नक्शा बनाकर दिया व उन स्थानों को बताया जहाॅ तिजोरी एवं डी.वी.आर रखे थे।योजना के अनुसार दि0 27/28 अप्रैल की रात्रि डकैती डालने का निर्णय लिया गया। उदय ने अपने दोस्त आसिफ व दीपक को, गजराज ने अपने किराये दार रहे सचिन पुत्र विजय कुमार उपरोक्त को तथा मामा उर्फ नवरतन ने अपने साथ 2 आदमियों को लाना तय किया। 27 तारीख की रात को 10 बजे के करीब मामा उर्फ नवरतन एक ट्रक में दो आदमियों के साथ तिगरी गोल चक्कर के पास आया जहाॅ उदय, गजराज, आसिफ, दीपक, ललित, विवेक, सचिन ठाकुर, सचिन पुत्र विजय 11 बजे के करीब इकठ्ठा हुए। फिर सभी लोग उसी ट्रक से महागुन ऑफिस  के पीछे बन्द कम्पनी के गेट पर रात्रि 1 बजे करीब पहुॅचे। ट्रक ड्राइवर व ललित ट्रक पर रहे व शेष सभी लोग बन्द पडी कम्पनी के रास्ते पीछे की दीवार से महागुन ऑफिस  परिसर में प्रवेश किये। सचिन पुत्र विजय व आसिफ पाइप के रास्ते ऊपर चढ रहे थे तथा शेष लोग जनरेटर के पीछे छिपे थे।



इसी दौरान वहाॅ एक गार्ड हाथ में बन्दूक लिए आया। पकडे जाने के डर से जनरेटर के पीछे छिपे लोगों द्वारा गार्ड पर हमला कर उसकी बन्दूक छीन ली गयी। पाइप पर चढे आसिफ व सचिन भी नीचे कूद गये। उस गार्ड को कब्जे में लेने के बाद उक्त बदमाश कम्पनी के मेन गेट की तरफ गये जहाॅ दो गार्ड और थे। उन्हें भी कब्जे में लेकर उनके मोबाइल छीनकर तीनों गार्डो को आॅफिस का दाहिना गेट खुलवाकर नीचे बेसमैन्ट में बने कमरे में ले जाकर एक साथ तार से बाॅध दिया गया तथा नवरतन व उसके साथ आये एक आदमी को गार्डो की निगरानी में छोड दिया था। आसिफ ने दोनों फ्लोर से डी.वी.आर को निकाला था। शेष लोग प्रथम तल पर जाकर ललित द्वारा बताई हुई तिजोरी को दरवाजा तोडकर निकाला तथा नीचे जाने के रास्ते ले आये व धक्का देकर ग्राउण्ड फ्लोर मेन गेट तक ले गये थे। ललित पर किसी को शक न हो, इस लिए पूरे कमरे की तथा प्रथम तल के ऑफिस  की अलमारी व भूतल पर बने एक कमरे में भी तलाशी लेने का नाटक किया था। इसके बाद ऑफिस  के गेट के पास खडी सफेद रंग की सैंट्रो कार, जिसकी चाबी गार्ड ने बताया कि गार्ड रूम में है, कार की चाबी गार्ड रूम से लेकर कार को गेट के पास लाये तथा तिजोरी को डिग्गी में डालकर सचिन ठाकुर, गजराज व उदय कार से एन.एच 24 तिगरी होते हुए डा0 रामप्रकाश के हाते पर पहुॅचे। शेष लोग ट्रक से वहाॅ पहुॅचे। हाते में तिजोरी के उतारकर सचिन ठाकुर कार को ठिकाने लगाने के लिए कार लेकर व उदय उसके पीछे अपनी अपाचे मो0सा0 से निकला। सचिन ठाकुर ने कार को 130 मी0 सडक पर छोड दिया और उदय के साथ मो0सा0 से वापस आ गया।



गजराज के पास गैस कटर था जिससे तिजोरी का दरवाजा तोडा गया। बरामद रूपयों का सचिन ठाकुर ने बंटवारा किया था। उसने 4 लाख रूपया भण्डारे के नाम का व 2 लाख रूपया अपने जेल में बन्द साथियों के नाम के अलग कर लिए। शेष पैसों में गजराज के हिस्से में 3 लाख, उदय के हिस्से में 3 लाख, सचिन पुत्र विजय के हिस्से में 2 लाख, विवेक के हिस्से में 2 लाख, ललित के हिस्से में 1 लाख आये थे। तिजोरी में 5-6 महागुन लिखे सोने-चाॅदी के सिक्के थे जिसमें एक उदय ने लिया था, बाकी सचिन व नवरतन ने ले लिये थे। तिजोरी में कुछ पासपोर्ट भी थे जिसे नवरतन एक बैग में डालकर अपने साथ ले गया था। दोनों डी.वी.आर विवेक नें हिण्डन में डाल दिये थे। काटी हुई तिजोरी को डा0 रामप्रकाश के हाते में गड्ढा खोदकर दबा दी गयी थी।



बरामदगीः-
1- आठ लाख पाॅच हजार रूपये नगद,।
2- सैंट्रो कार डीएल 13 सी 2716 की आरसी व ड्राइवर का आई कार्ड व एक अदद सिक्का महागुन अंकित।
3- दो अदद डी0वी0आर0 महागुन आॅफिस
4- तीन तंमचे नाजायज 315 बोर मय 06 कारतूस जिन्दा।
5- कटी हुई तिजोरी
6- गैस कटर मय सिलेण्डर एवं तिजोरी काटने के उपकरण
7- दो अदद मो0सा0।
8- महागुन आॅफिस से लूटी गयी सैंट्रो कार।


 


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