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शरीर को डिटॉक्सीफाई (जहरीले तत्वों से मुक्त) करें –

शरीर को डिटॉक्सीफाई (जहरीले तत्वों से मुक्त) करें –
अगर आप हमेशा अपने शरीर में थकावट महसूस करते है या फिर आपको चक्कर आता है या फिर कुछ भी खातें ही पेट में जलन या फिर पेट फूलना,भूख न लगाना,खट्टी डकारें आती है तो ये बड़ी समस्या है इसे हल्के में न लें ।इसका में कारण सुबह आपका पेट साफ़ नहीं होता है।सुबह मलत्याग करते समय दिक्कत,मलत्याग करते वक़्त पूरी संतुष्टि न होना। चेहरे पर झुर्रियां पड़ना,मुहाँसें ,फुलसी होना ,किसी तरह की एलर्जी होना,मलत्याग करतें वक़्त खून आना,बालों में डैंड्रफ होना,ये सारे लक्षण है पेट ख़राब होने से होता है । जिसका पाचनतंत्र ख़राब होता है।जिसका लिवर ठीक नहीं होता इस सबको को थे करने के लिए हमें लिवर की सफाई करनी पड़ती है। जिससे हमारे शरीर में सड़ा हुआ विषैला पदार्थ निकल जाएँ । इससे निजात पाने के लिये आपको अपने शरीर को तुरंत डिटॉक्सीफाई करना बहुत जरूरी है।


 


डिटॉक्सीफाई का मतलब है, शरीर में संग्रहित/जमा विषैले तत्वों का निष्कासन। क्योंकि विषैले तत्वों का शरीर में रहने देने का तात्पर्य है, खुद ही बीमारी पैदा करने वाले तत्वों से दोस्ती करना। इन्हें बाहर निकालने की प्रक्रिया को ही शरीर को डिटॉक्सीफाई करना कहते हैं। यदि विषैले तत्व शरीर में वर्षों से जमा हैं और बीमारियों के रूप में अपना असर दिखाने लग गये हैं तो उनका प्रोपर/सही से उपचार करवाना जरूरी है। जिनके शरीर में किसी प्रकार की तकलीफ नहीं है और जो चाहते हैं कि उनके शरीर में विषैले तत्व पैदा/जमा ही नहीं हो, इसके लिये कुछ सरल सुझाव प्रस्तुत हैं:


नियमित रूप से टहलें तथा व्यायाम और योग करें:
जैसे रोजाना स्नान करते हैं। ब्रुश करते हैं और दूसरे काम करते हैं। ऐसे ही नियमित रूप से एक हजार से दस हजार कदम पैदल चलने/टहलने की आदत डालें। इसके साथ-साथ किसी जानकार व्यक्ति के परामर्श से व्यायाम और योग भी करें।


गहरी और लम्बी सांस की आदत डालें:
गहरी और लम्बी सांस लेने की आदत डालें, जिससे शरीर के सभी अंगों तक आॅक्सीजन पहुंच सके।


सुबह खाली पेट चाय और दूध नहीं:
सुबह खाली पेट चाय और, या दूध का सेवन शरीर में जहरीले तत्वों का निर्माण करता है। अत: इनको आज ही ना कहें। दिन की शुरुवात सिर्फ एक गिलास गर्म या गुनगुने पानी से करें।


ताजा नींबू पानी:
नियमित ताजा नींबू पानी पीने की आदत डालकर शरीर की गंदगी को आसानी से साफ किया जा सकता है।


ग्रीन-टी पियें:
शरीर से विषैले तत्वों के निष्कासन और पाचनतंत्र को ठीक करने के लिये, ब्लैक-टी को त्यागें और ग्रीन-टी का सेवन करें।


रोजाना ढाई लीटर पानी पियें:
पेशाब के जरिये विषैले तत्वों के निष्कासन के लिये हर दिन कम से कम ढाई लीटर पानी पीने की आदत डालें। और ये पानी RO का नहीं लेना, नदी का या ज़मीन का पानी हो उसको छान कर गर्म करके ठंडा करके मिटटी के मटके में डाल लीजिये, और मटका ऐसी जगह हो जहाँ हवा और रौशनी दोनों ही हों। उस पानी को पीजिये, और पानी पीते समय बैठ जाना चाहिए।


हल्का भोजन:
पचने में आसान और अपने शरीर के मिजाज के अनुसार हल्के भोजन का सेवन करें।


भोजन चबा-चबा कर खायें:
बेशक आपको कितनी भी जल्दी क्यों न हो रही हो, लेकिन भोजन को हमेशा चबा-चबा कर खाने की आत डालें। इससे भोजन में अधिक आनंद आयेगा और पचानतंत्र भी दुरुस्त रहेगा। भोजन करते समय टीवी नहीं देखें, और भोजन के बाद पानी नहीं पीना। भोजन के बीच में एक दो घूँट पानी पी सकते हैं।


भोजन में एण्टी-आॅक्सीडेंट की मात्रा बढायें:
एण्टी-आॅक्सीडेंट से लीवर एंजाइम एक्टिव होते हैं। अत: अपने भोजन में एण्टी-आॅक्सीडेंट्स की मात्रा बढायें।


आॅर्गेनिक फल और सब्जियों का सेवन करें:
बेशक आॅर्गेनिक फल और सब्जियों का मिलना बहुत मुश्किल है, लेकिन इनका सेवन बहुत जरूरी है। मौसम में आने वाले अच्छे फल और सब्जियों का भरपूर इस्तेमाल करना चाहिए।


ताजा और ऑर्गैनिक फलों का ज्यूस पियें:
पैक्ड ज्यूस नुकसान दायक होते हैं। अत: शरीर को विषैले तत्वों से मुक्त करने के ​लिये ताजा और आॅर्गेनिक फलों का ज्यूस पियें।


फाइबर का भरपूर प्रयोग।
भोजन में फाइबर का भरपूर प्रयोग करें, इस से शरीर की स्वतः सफाई होती रहती है। फल खाएं और सब्जियों को कच्चा ही उबाल कर खाएं, अनाज मोटा पिसवाएं, इसमें चोकर भरपूर मात्रा में हो। दलिया खाएं।


तीन की बजाये, सिर्फ २ समय भोजन करे।
आजकल इतना शारीरिक श्रम ना होने के बावजूद भी हम लोग ३ समय भोजन करते हैं, ऐसा ना करके भोजन सिर्फ २ समय ही करें, और 1 समय फल सब्जियों सलाद का सेवन करें।


सेब,अदरक और निम्बू का जूस
सेब अदरक और निम्बू का रस शरीर को साफ़ करने में बहुत ही ग़ज़ब का रिजल्ट देगा। आप दिन में एक बार ये जूस ज़रूर पियें, और जिस दिन व्रत रखें उस दिन तो ये जूस ३ दिन तक पियें।


लहसुन का सेवन करें:
अपने भोजन में नियमित रूप से पर्याप्त लहसुन का सेवन करें। लहसुन में सलफ्यूरिक तत्व पाये जाते हैं, जो शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने वाले ग्लुथाथिओन नामक एण्टी आॅक्सीडेण्ट का निर्माण करते हैं।


बेकरी प्रोडक्ट्स को नहीं कहें:
शरीर और नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचाने वाले बेकरी प्रोडक्ट्स को तुरंत नहीं कहें।


शराब, धूम्रपान और मांसाहार को छोड़ दें :
यदि शरीर से विषैले तत्वों का निष्कासन करना है तो शराब, धूम्रपान और मांसाहार को हमेशा को त्यागना होगा।


पूरी नींद :
गहरी नींद से शरीर रिचार्ज होता है। अत: रोजाना न्यूनतम 6 से 8 घंटे की गहरी नींद सोना भी अनिवार्य है।


सप्ताह में एक दिन व्रत
सप्ताह में एक दिन व्रत ज़रूर रखें, इस से शरीर के सभी अंगों को आराम मिलता है, इस दिन अनाज का बिलकुल परहेज करें, और सिर्फ हलके फल लीजिये, जो पचने में बिलकुल आसान हों। ऐसा करने से आपके शरीर के सभी अंग अच्छे से लम्बे समय तक काम करेंगे,jiskajis


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