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6 लाख रुपए की ब्लूटूथ वाली चप्पल पहनकर एग्जाम देने पहुंचा परीक्षार्थी, पुलिस की ऐसे गिरफ्त में आया

6 लाख रुपए की ब्लूटूथ वाली चप्पल पहनकर एग्जाम देने पहुंचा परीक्षार्थी, पुलिस की ऐसे गिरफ्त में आया 


राजस्थान (rajasthan) में REET परीक्षा यानि राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (Rajasthan Eligibility Examination for Teacher) में नकल को लेकर अभी तक कई खबरें सामने आ चुकी हैं. इस परीक्षा में पास होने के लिए कई परीक्षार्थियों ने अलग-अलग नकल के तरीके अपनाए हैं. लेकिन कुछ परीक्षार्थियों ने परीक्षा में पास होने के लिए ब्लूटूथ डिवाइस (bluetooth device) लगे चप्पलों की मदद भी ली है. इस ब्लूटूथ डिवाइस लगे चप्पल को बनवाने में काफी मोटी रकम खर्च हुई है. राजस्थान पुलिस ने कई REET परीक्षार्थियों की चप्पलों में छिपे ब्लूटूथ डिवाइस को जब्त कर आरोपियों को हिरासत में लिया है.

पुलिस अधीक्षक प्रीतिचन्द्रा ने बताया कि राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा में नकल को रोकने के लिए पुलिस नकल गिरोह पर नजर रखे हुए थे। इसी बीच मुखबीर से नकल गिरोह के सक्रिय होने की सूचना मिली। जिला पुलिस स्पेशल टीम एवं गंगाशहर पुलिस को सर्तक किया। गंगाशहर व डीएसटी ने नोखा रोड़ स्थित नया बस स्टैंड से एक महिला समेत पांच लोगों को दबोचा, जिनके पास से नकल कराने वाली सामग्री जब्त की गई।



यह पकड़े गए

राजलदेसर के जगेणिया निवासी मदनलाल पुत्र भीखाराम जाट, गोपाल कृष्ण पुत्र रामलाल जाट, चूरू, राजलेदसर के रामपुरा निवासी ओमप्रकाश पुत्र बेगाराम जाट, नोखा के भादला निवासी त्रिलोकचंद पुत्र भंवरलाल जाट एवं चूरू के रतनगढ़ निवासी किरण कुमारी पत्नी नरेन्द्र कुमार को पकड़ा गया। इनके पास से मोबाइल, ब्लूटूथ, माइक्रो ईयरफोन, मोबाइल चिप आदि जब्त किए गए।


नकल गिरोह का सरगना है तुलसाराम

नकल गिरोह का मास्टर माइंड सुजानगढ़ हाल पवनपुरी निवासी तुलसराम कालेर है जो पहले भी नकल प्रकरण में पकड़ा जा चुका है। यह पूर्व में चाणक्य इंस्टीट्यूट चलाता था। तुलसराम का मदनलाल जाट खास व्यक्ति हैं। तुलसाराम ने एक पारी पेपर के अभ्यर्थियों से पांच से सात लाख रुपए के बीच में सौदा तय किया था। आरोपी तुलसाराम फरार है, जिसकी धरपकड़ के प्रयास किए जा रहे हैं।


25 लोगों को उपलब्ध कराई चप्पलें

पुलिस अधीक्षक चन्द्रा के मुताबिक नकल माफिया तुलसाराम ने प्रदेशभर में 25 से अधिक लोगों को विशेष डिवाइस लगी चप्पलें उपलब्ध कराई थी। पुलिस अब तक प्रदेशभर से आठ अभ्यर्थियों को पकड़ चुकी हैं। शेष अभ्यर्थियों की पहचान करने में लगी है। आरोपी तुलसाराम ने एक अभ्यर्थी से सात लाख रुपए में सौदा किया था। एडवांस के तौर पर चेक व स्टांप पेपर लिया था।

प्रदेश भर में बेची गई 25 चप्पलें

बीकानेर के एसपी प्रीति चंद्र ने बताया कि इस मामले में गिरफ्तार किए गए 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया है कि प्रदेश भर में लगभग 25 लोगों को ऐसी चप्पल बेची गई है। ऐसे में पुलिस के लिए यह चुनौती है कि आखिर कौन से कौन से जिले में यह चप्पल पहुंच चुकी है और कौन अभ्यार्थी है चप्पल के सहारे, अपने भविष्य की योजना बना रहा है। फिलहाल पुलिस इस मामले में जांच जारी रखे हुए है। साथ ही चप्पलों की तलाश भी जा रही

ऐसे करवाता नकल

गंगाशहर सीआइ राणीदान उज्ज्वल ने बताया कि तुलसाराम ने नकल कराने की जिम्मेदारी उठा रही थी। उसने अभ्यर्थियों को ब्लूट्रूथ डिवाइस लगी विशेष चप्पल अभ्यर्थियों को उपलब्ध कराई थी। ब्लूटूथ में एक चिप लगी हुई थी जो अभ्यर्थी के कान में लगे माइक्रो ईयरफोन से कनेक्ट था। ब्लूट्रूथ डिवाइस में एक चिप लगी थी, जिसे मोबाइल की सिम से कनेक्ट किया गया। परीक्षा केन्द्र में जाने से पहले तुलसाराम ने मोबाइल फोन से ब्लूटूथ को कनेक्ट कर लिया। बाद में वह प्रश्न-पत्र में से प्रश्नों का हल करके मोबाइल के माध्यम से अभ्यर्थियों को बताता।


जेएनवीसी, अजमेर व सीकर में अभ्यर्थी को परीक्षा देते पकड़ा

जेएनवीसी सीआइ अरविन्द्र भारद्वाज ने बताया कि गंगाशहर पुलिस के अलर्ट के बाद थाना पुलिस सजग हो गई। पुलिस ने परीक्षा देने आने वाले अभ्यर्थियों के पहनावे पर नजर रखनी शुरू कर दी। इसी बीच सेंट पॉल स्कूल में एक अभ्यर्थी जो चप्पल पहन कर आया था। पुलिस ने उस चप्पल पर निगरानी रखनी शुरू कर दी। प्रथम पारी का पेपर देकर जब श्रीडूंगरगढ़ के नया कल्याणसर निवासी सुरजाराम (30) पुत्र पूर्णाराम जाट आया और उसने चप्पल पहनी तब उसे दबोच लिया गया। उसे पकड़ कर थाने ले आए, जिससे पूछताछ की जा रही है। इसी प्रकार अजमेर के किशनगढ़ में आचार्य धर्म सागर स्कूल में हाईटेक डिवाइस से नकल करते गणेशाराम ढाका एवं सीकर के नीमकाथाना के गंगाबाल निकेतन स्कूल में बीकानेर निवासी अभ्यर्थी उदाराम को नकल करते पकड़ा।

 ऐसे होनी थी नकल

जिस अभ्यर्थी को चप्पल दी गई थी, उन्हें नकल का पूरा प्रोसेस बताया गया था। अभ्यर्थी से दो मोबाइल लिए गए थे। एक मोबाइल को खोलकर उसके सारे हिस्से चप्पल में फिट कर दिए गए, जबकि दूसरा मोबाइल सरगना ने अपने पास रखा। ये तय हुआ था कि परीक्षा शुरू होने के साथ ही सभी 25 मोबाइल सामने रखकर एक साथ उत्तर दिए जाएंगे। नकल के लिए इस गैंग को पेपर मिला या नहीं? ये अभी तय नहीं है। बीकानेर पुलिस इसकी जांच कर रही है। पुलिस का कहना है गैंग में कई लोग शामिल हो सकते हैं।


एक रात पहले दबोचा, पर चुप्पी रखी

बीकानेर पुलिस ने शनिवार-रविवार की दरमियानी रात को ही चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। किसी को कानों कान खबर तक नहीं होने दी, क्योंकि जिन लोगों ने चप्पल खरीदी थी, उन्हें एग्जाम सेंटर से ही गिरफ्तार करने की योजना बनी थी। इसकी भनक रात को मुख्य सरगना तुलसीराम को लग गई थी। ऐसे में वो फरार हो गया। कुछ अभ्यर्थियों को भी पता चल गया था। ऐसे में वो भी सेंटर पर परीक्षा देने नहीं आए।

चप्पल के अलावा रिमोट भी

इस गैंग ने सिर्फ चप्पल के साथ ही नकल की कोशिश नहीं की बल्कि एक छोटा रिमोट भी तैयार किया था। ये डिवाइस भी छह लाख रुपए में ही दी गई। ये डिवाइस महिलाओं और पुरुषों दोनों को दी गई। दोनों को अपने कपड़ों में डिवाइस को विशेष तरीके से बांधा जाना था। महिलाओं को इसके छुपाने के लिए सेनेटरी नैपकीन लगाना था। ऐसा रिमोट भी पुलिस ने बरामद किया है। चूरू के रतनगढ़ में रहने वाली एक महिला को भी गिरफ्तार किया है।


गैंग का सरगना पहले भी गिरफ्तार

इस गैंग का सरगना तुलसीराम कलेरा पहले भी नकल के मामले में गिरफ्तार हो चुका है। जयनारायण व्यास कॉलोनी में कोचिंग सेंटर चलाने वाले तुलसीराम एक भर्ती में नकल कराने के लिए बीकानेर से गिरफ्तार हुआ था। तब एक प्राइवेट स्कूल और एक इंस्टीट्यूट के संचालक भी फंस गए थे। तब कई दिन जेल में रहने के बाद उसे जमानत मिल गई थी।


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