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Noida Authority ने Supertech समेत 6 बिल्डर्स के खिलाफ जारी की 17 करोड़ की आरसी

 Noida Authority ने Supertech समेत 6 बिल्डर्स के खिलाफ जारी की 17 करोड़ की आरसी


नोएडा. एमरॉल्ड के दो अवैध टावर के मामले में जब से सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने नोएडा अथॉरिटी के खिलाफ कड़ी टिप्पणी की है, तब से अथॉरिटी फुल फार्म में आ गई है. खासतौर से बिल्डर्स के मामले में अफसर अब कोई रिस्क नहीं लेना चाहते हैं. यही वजह है कि अथॉरिटी ने सुपरटेक (Supertech) समेत 6 बिल्डर्स के खिलाफ 17 करोड़ रुपये की आरसी जारी की है. पानी का बकाया जमा न करने के चलते यह आरसी जारी की गई है. आरसी के मुताबिक अब सभी बिल्डर्स (Builders) से राजस्व अधिनियम के तहत वसूली की जाएगी. बीते एक महीने में यह कोई पहला मौका नहीं है जब नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) ने बिल्डर्स के खिलाफ सख्त रुख अपनाया हो, इससे पहले कुछ बिल्डर के यहां अथॉरिटी बुलडोजर भी चलवा चुकी है.


इन 6 बिल्डर्स के खिलाफ जारी की गई है आरसी

नोएडा अथॉरिटी द्वारा जारी किए गए पत्र की मानें तो अथॉरिटी ने पानी का बकाया राजस्व जमा न करने के चलते 6 बिल्डर्स सेक्टर-34 और सेक्टर-74 में स्थित सुपरटेक लिमिटेड, सेक्टर-137 में एमपीज रियली प्राइवेट लिमिटेड, सेक्टर-75 में वैल्यूएंट इंफ्रा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, सेक्टर-137 में इंपीरियल हाउसिंग वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड और सेक्टर-75 में ही एम्स मैक्स गार्डेनिया डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड का नाम शामिल है.


आरसी की कुल रकम 16.76 करोड़ रुपये है. इसमे से अकेले सुपरटेक पर ही करीब 9 करोड़ रुपये बकाया है. हाल ही में हुई एक बैठक के दौरान नोएडा अथॉरिटी की सीईओ ऋतु महेश्वरी ने राजस्व की वसूली के लिए आरसी जारी करने के आदेश दिए थे.

सुपरटेक के दो टावर पर भी लटक रही है तलवार

जैसे मानों कि सुपरटेक के बुरे दिन चल रहे हैं. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक की एमरॉल्ड कोर्ट योजना में दो अवैध टावर तोड़ने के आदेश दिए हैं. हालांकि सुपरटेक प्रशासन इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन दाखिल कर एक ही टावर तोड़ने की गुहार लगा रहा है.

लेकिन कोर्ट द्वारा की गई किरकिरी से बचने के लिए नोएडा अथॉरिटी ने कुछ सख्त कदम उठाने शुरु कर दिए हैं. प्लान के तहत अथॉरिटी ने वो सब पुरानी शिकायतें निकाली हैं जो बिल्डर्स की ओर से किए गए अवैध निर्माण को लेकर हैं. यह शिकायतें संबंधित आरडब्ल्यूए ने की हैं. शिकायतों की जांच के बाद अथॉरिटी ने ऐसे 12 टावर चिन्हित किए हैं जिनके खिलाफ अतिक्रमण की कार्रवाई की जाएगी.


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