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पिता की बात का हुआ ऐसा असर,लकी चौहान बन गई आईपीएस,ऐसे हुआ बचपन सपना पूरा


पिता की बात का हुआ ऐसा असर,लकी चौहान बन गई आईपीएस,ऐसे हुआ बचपन सपना पूरा 


आज हम आपको IPS लकी चौहान के बारे में बताएंगे। लकी चौहान आज भले ही आईपीएस अधिकारी बनकर देश की सेवा कर रही हों, लेकिन उनके लिए यहां तक पहुंचना बिल्कुल भी आसान नहीं था। IPS लकी चौहान का जन्म उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के खुर्जा गांव में हुआ था। लकी के पिता का छोटा सा बिजनेस था और मां शिक्षिका थीं। लकी चौहान बचपन से ही पढ़ाई में होशियार थीं।

नर्सरी क्लास में लकी चौहान ने एक प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था। यहां उन्हें पहला स्थान प्राप्त हुआ था। उस समय उन्हें पुरस्कार वहां के डीएम और एसपी ने दिया था। उनके पिता ने ये देखकर उन्हें कहा कि लकी तुम्हें भी एसपी या डीएम ही बनना है। उन्हें इसका बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि देखते ही देखते ये उनका इरादा बन जाएगा। लकी ने जब भी कोई बचपन में इसको लेकर सवाल पूछता तो वो अपने पिता की कही बात को ही दोहराती थीं।

तीन सील की मेहनत से बनीं आईपीएस: लकी ने साइंस से 12वीं की थी, लेकिन उन्होंने आईपीएस बनने के लिए बी.ए अंग्रेज लिटरेचर और इतिहास में किया। बी.ए करने के बाद लकी चौहान की सरकारी नौकरी भी लग गई, लेकिन उनका मन तो कुछ और ही था। लकी ने नौकरी और आगे की पढ़ाई के साथ यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला किया। लकी चौहान को बार-बार अपने पिता की कही बात याद आती थी। तीन साल तक मेहनत करने के बाद आखिरकार UPSC 2012 में 276 रैंक हासिल की थी।


लकी चौहान आईपीएस अधिकारी बन गई थीं। ट्रेनिंग के दौरान उनकी योग्यता को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से उन्हें त्रिपुरा कैडर दिया गया। लकी चौहान ने राज्य में कई अहम पदों पर अपनी सेवाएं दीं। अभी लकी चौहान त्रिपुरा के गोमती जिले के उदयपुर की एसपी हैं और देश की सेवा कर रही हैं।


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