गरीब किसान पिता की पांचों बेटियां बनीं RAS अफसर, पढ़ें पूरी सफलता की कहानी
ये एक बेहद गरीब परिवार से आती हैं.
दो बहनें पहले और तीन अब बनी आरएएस
वहीं सबसे बड़ी बहन मंजू 2012 में आरएएस परीक्षा पास कर वर्तमान में सहकारिता विभाग में कार्यरत है. और अब आए आरएस 2018 के नतीजों में बाकी तीनों बहनों रीतू ने 96वीं रैंक, अंशू ने 31वीं रैंक और सुमन ने 98वीं रैंक हासिल कर आरएएस बनकर इतिहास रच दिया.
तीनों बहनों के नाम में भी छिपा है आरएएस
पिता का था प्रशासनिक अफसर बनाने का सपना
जिले के ठेठ धोरों से निकली पांचों बेटियों की सफलता पर जहां पूरे गांव और हनुमानगढ़ जिले में खुशी का माहौल है. वहीं पिता सहदेव का कहना है कि वे बचपन से ही बेटियों को प्रशासनिक अधिकारी बनाना चाहते थे. और गांव में 5वीं के बाद पढ़ाई की व्यवस्था नहीं होने के कारण उन्होने बेटियों को घर पर ही पढ़ाई के लिए प्रेरित किया. अब पांचों के आरएएस बनने के बाद उनका सपना है कि वे गांव की 15 और बेटियों को प्रशासनिक अधिकारी बनाने के लिए प्रयास करेंगे।
भैरूंसरी गांव का नाम देशभर में किया रोशन
वहीं पांचों बेटियों की सफलता पर परिजनों और ग्रामीणों में भी खुशी का माहौल है. ग्रामीणों को इस बात की खुशी है कि संसाधनों के अभाव में और बेटियों होने के बावजूद वे बेटों से आगे निकलीं और उनके छोटे से गांव भैरूंसरी का नाम बेटियों ने देशभर में मशहूर कर दिया. ग्रामीणों का कहना है कि ये सफलता सिर्फ पांच बेटियों की नहीं है, बल्कि ये पूरे गांव और जिले की सफलता है और यह सफलता एक शुरूआत है. अब गांव में अन्य बच्चों को भी प्रशासनिक अधिकारी बनने की प्रेरणा मिलेगी और भविष्य में गांव से कई बच्चे प्रशासनिक अधिकारी बनकर निकलेंगे.
0 टिप्पणियाँ