Ad Code

Responsive Advertisement

जेडीयू के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष बने ललन सिंह

 जेडीयू के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष बने ललन सिंह 

मुंगेर सांसद ललन सिंह जेडीयू के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष बने . दिल्ली में आयोजित पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सर्वसम्मती से ये फैसला लिया गया है. मालूम हो कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी नेता आरसीपी सिंह के केंद्रीय मंत्री बनने के बाद से सूबे की सियासी गलियारों में ऐसी चर्चाएं थीं कि ललन सिंह को पार्टी की कमान सौंपी जा सकती है. 

इस पद के लिए पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष और पूर्व केन्द्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा भी प्रबल उम्मीदवार बताए जा रहे थे. लेकिन मुख्यमंत्री ने ललन सिंह पर ही भरोसा जताया है. ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद दिल्ली से लेकर बिहार तक जदयू के नेता और कार्यकर्ता जश्न मना रहे हैं.

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ललन सिंह पर ही भरोसा जताया है. इस पद के लिए पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा भी प्रबल उम्मीदवार बताए जा रहे थे. जदयू प्रदेश कार्यालय में पार्टी नेताओं का आने का सिलसिला जारी हो गया है. पार्टी दफ्तर में एक-दूसरे को अबीर-गुलाल लगाकर जश्न मना रहे हैं. पार्टी कार्यालय में पूर्व मंत्री व एमएलसी नीरज कुमार, प्रवक्ता संजय सिंह, पार्टी प्रवक्ता अभिषेक झा सहित कई नेता मौजूद हैं. पटना कार्यालय में कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई है. बिहार प्रदेश कार्यालय में जश्न का माहौल है. ढोल नगाड़ों के साथ जदयू कार्यकर्ता झूमते दिखे. ललन सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की खुशी में एमएलसी नीरज कुमार ढोल बजाते दिखे.

बता दें कि बिहार के मुंगेर संसदीय सीट से सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह को भी नीतीश कुमार का करीबी माना जाता है. 24 जनवरी, 1955 को उनका जन्म हुआ है. भूमिहार जाति से आने वाले ललन सिंह जदयू के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. साल 2014 में लोकसभा चुनाव में हार के बाद उन्हें राज्यपाल कोटा से बिहार विधान परिषद भेजा गया था. वहीं, जीतन राम मांझी के कैबिनेट में सड़क निर्माण विभाग का जिम्मा सौंपा गया था.

हालांकि, ललन सिंह के मंत्री बनाए जाने की वजह से जदयू में बगावत हो गई थी और 12 विधायकों के साथ ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू बीजेपी में चले गए थे. जिसके 2015 के फरवरी में उन्हें मंत्री पद से हटा दिया गया था. हालांकि, 2015 में दोबारा महागठबंधन सरकार बनने के बाद उन्हें नीतीश कैबिनेट में जगह मिली थी.


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ