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पूर्व कैबिनेट मंत्री राकेशधर त्रिपाठी को एमपी-एमएलए कोर्ट से लगा बड़ा झटका, आरोप हुए तय

पूर्व कैबिनेट मंत्री राकेशधर त्रिपाठी को एमपी-एमएलए कोर्ट से लगा बड़ा झटका, आरोप हुए तय


प्रयागराज की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति मामले में यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री राकेश धर त्रिपाठी पर आरोप तय कर दिए हैं। कोर्ट ने कहा है के पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने का पर्याप्त आधार है। राकेश धर त्रिपाठी पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 31 (1) के तहत आरोप तय किए गए हैं।

आरोप है कि मंत्री रहते उन्होंने तकरीबन 50 लाख रुपये की आमदनी के बदले दो करोड़ से ज्यादा खर्च किए थे। बची हुई रकम कहां से आई इसका वह कोई हिसाब नहीं दे पाए। पूर्व कैबिनेट मंत्री के खिलाफ इस मामले में 2010 में आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज हुआ था। शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई स्पेशल कोर्ट के जज आलोक कुमार श्रीवास्तव ने की।

बसपा सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री रहते राकेशधर त्रिपाठी पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगा था. मंत्री रहते राकेशधर त्रिपाठी की कुल आय 49 लाख 49 हजार 928 पाई गई, लेकिन जांच में पूर्व मंत्री राकेशधर त्रिपाठी की आय 2 करोड़ 17 लाख से ज्यादा पाई गई. आय से अधिक संपत्ति के मामले में पूर्व मंत्री राकेशधर त्रिपाठी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए. कोर्ट ने कहा पूर्व मंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाए जाने के पर्याप्त आधार हैं.

राकेशधर बीजेपी से उच्च शिक्षा मंत्री रह चुके हैं. उन पर आय से अधिक संपत्ति व भ्रष्टाचार के आरोप लगे. उच्च शिक्षा मंत्री पद पर रहते हुए त्रिपाठी पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कॉलेजों को मान्यता देने का आरोप लगा. लोकायुक्त की जांच में 2010 में अपने पद का गलत इस्तेमाल कर त्रिपाठी द्वारा कई कॉलेजों को मान्यता देने का खुलासा हुआ.


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