World Blood Donor Day 2021: History,Theme, Significance
विश्व रक्तदान दिवस या विश्व रक्त दाता दिवस हर वर्ष 14 जून को मनाया जाता है विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इस दिन को रक्तदान दिवस के रूप में घोषित किया गया है.
वर्ष 2004 में स्थापित इस कार्यक्रम का उद्देश्य सुरक्षित रक्त रक्त उत्पादों की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाना और रक्तदाताओं के सुरक्षित जीवन रक्षक रक्त के दान करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करते हुए आभार व्यक्त करना है. विश्व रक्तदान दिवस के मौके पर आज हम आपको ब्लड डोनेशन से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं. आइए जानते हैं
विश्व रक्तदाता दिवस 2021 थीम
वर्ष 2020 में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा विश्व रक्तदाता दिवस के लिए एक खास थीम तय की गयी थी जिसका टैग था सुरक्षित रक्तदान बचाए लोगों की जान . इस बार यानी 2021 में 'रक्त दान करके दुनिया को हराते रहो' थीम के साथ मनाया जा रहा है. जिसका अर्थ है कोरोना जैसी महामारी, जिसने दुनियाभर में तबाही मचायी है उसे हराया तब ही जा सकता है जब लोग बढ़ चढ़कर रक्तदान करें, इस अभियान का हिस्सा बनें.
विश्व रक्तदाता दिवस का महत्व
विश्व रक्तदाता दिवस का उद्देश्य है रक्तदाताओं की सराहना करना
सभी लोगों को रक्तदान के लिए जागरूक करना
सुरक्षित रक्त के महत्व के बारे में सभी लोगों को जानकारी देना.
आपने देखा ही होगा कि कोविड के दौरान भी कई ब्लड बैंक जरूरतमंदों को रक्त दान करके उनकी लाइफ बचाए हैं.
द लैंसेट में प्रकाशित एक अध्ययन की मानें तो भारत में सालाना 41 मिलियन यूनिट रक्त की कमी होती है. ऐसे में सभी को निरंतर रक्त दान महादान करके लोगों की जान बचानी चाहिए.
ब्लड डोनेशन के जुड़ी रोचक बातें-
– ब्लड डोनेट करते समय डोनर के शरीर के केवल एक यूनिट ब्लड ही लिया जाता है.
– एक नॉर्मल व्यक्ति के शरीर में 10 यूनिट यानी 5 से 6 लीटर ब्लड होता है.
– ‘O नेगेटिव’ ब्लड ग्रुप यूनिवर्सल डोनर कहलाता है, इसे किसी भी ब्लड ग्रुप के व्यक्ति को दिया जा सकता है.
– इमरजेंसी के समय जैसे जब किसी नवजात बालक या अन्य को खून की आवश्यकता हो और उसका ब्लड ग्रुप ना पता हो, तब उसे ‘O नेगेटिव’ ब्लड दिया जा सकता है.
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