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CA Final Result 2021: रायपुर के भ्रमर जैन (Bharamar Jain) ने किया टॉप


CA Final Result 2021: रायपुर के भ्रमर जैन (Bharamar Jain) ने किया टॉप

CA Final Result 2021: रायपुर के भ्रमर जैन (Bharamar Jain) ने किया टॉप



 इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) ने सीए फाइनल परीक्षा के नतीजे जारी कर दिये हैं ।  इस परीक्षा में रायपुर के भ्रमर जैन (Bharamar Jain) ने देशभर में टॉप किया है। रायपुर (Raipur) के भ्रमर जैन 76.38% के साथ देश में पहले स्थान पर रहे । भ्रमर ने पहले ही प्रयास में यह मुकाम हासिल किया है। 


छत्तीसगढ़ की राजधानी के देंवेंद्रनगर निवासी 22 साल के छात्र भ्रमर जैन ने आल इंडिया रैंक वन (Rank 1) पर जगह बनाकर देशभर में टापर बन गए हैं। भ्रमर जैन ने 800 में से उन्होंने 611 अंक अर्जित किया है। उन्होंने राजधानी समेत पूरे छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया है। भ्रमर अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता ,भैया-भाभी और टीचर्स को को देते हैं |


भ्रमर के पिता एक सीए महावीर प्रसाद जैन, मां अंजू जैन हाउस वाइफ हैं। भ्रमर के बड़े भाई प्रखर जैन भी सीए हैं। साथ ही भाभी श्वेता जैन भी सीए प्राेफेशनल में हैं। उनके घर में शुरू से ही सीए के अनुकूल माहौल रहा। यूं कहे कि परिवार के साथ उठते-समय भी कई टापिक पर चर्चा होती रहती थी।


भ्रमर ने बताया कि फैमिली सपोर्ट की वजह से ही उन्होने ये मुकाम हासिल किया है ।  भ्रमर के पिता महावीर प्रसाद जैन, भाई प्रखर जैन और भाभी श्वेता जैन भी सीए हैं, जिनसे काफी कुछ सीखने को मिला । 


भ्रमर जैन की स्ट्रेटेजी 


भ्रमर जैन ने बताया कि सीए का कोर्स बहुत ही विस्तृत है। इसलिए इसे हल्का करने के लिए सबसे पहले विभिन्न चैप्टर को डिवाइड किया। लगातार कक्षाएं अटेंड करते रहे। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में जब शैक्षणिक संस्थान बंद थे, तब कमरे के भीतर आनलाइन पढ़ाई को बरकरार रखा। इस दौरान अपने प्रिय दोस्तों का एक


ग्रुप डिस्कशन करना जरुरी


भ्रमर जैन ने बताया कि एक कमरे में बैठकर अकेले ही सीए जैसी परीक्षाओं के लिए पढ़ना जरूरी होता है, मगर यह बात गलत है अब इसके मायने बदल गए। हमने पढ़ाई के लिए न सिर्फ अपने दोस्तों ,बल्कि अपने परिवार के बीच भी चर्चा करके पढ़ाई को आयाम देते रहे।


इसमें एक तरह की प्रतिस्पर्धा की भावना बनी रही और एक-दूसरे से पढ़ने से कई डाउट‌्स क्लीयर हो जाते हैं। पढ़ाई में बोरियत भी नहीं होती है। हर विषय की एक पर्सनल समरी बना लेते थे और कलरफुल टेस्ट और पेंसिल का इस्तेमाल करके पढ़ाई करने से इससे पढ़ने में बहुत मजा आता था।






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