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खाने के बाद आखिर क्यों नहीं नहाना नहीं चाहिए, जानें कारण

खाने के बाद आखिर क्यों नहीं नहाना नहीं चाहिए, जानें कारण



घर के बड़े बुजुर्ग हमें अक्सर समझाते हैं कि हर काम को समय पर करने की आदत डालनी चाहिए। लेकिन उनकी बातों को हम अनसुना कर देते हैं और ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं। वास्तव में पुराने समय के लोग नहाने खाने, सोने और उठने सहित हर काम समय पर करते थे, जिसकी वजह से वे निरोगी और स्वस्थ रहते थे।


आज के लोग खाना खाते समय मोबाइल फोन में व्यस्त रहते हैं या टीवी देखते हैं लेकिन हमारे पूर्वज शांत होकर भोजन करते थे और प्रत्येक काम को रोजाना समय पर करते थे। यकी कारण है कि हमारे बड़े बुजुर्ग एक लंबा जीवन जीते थे और स्वस्थ रहते थे। इसके साथ ही उन्हें जीवनशैली से जुड़ी समस्याएं नहीं होती थीं। आइये जानते हैं भोजन करने के तुरंत बाद क्यों नहीं नहाना चाहिए।



नहाने का सही समय क्यों मायने रखता है
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में यह संभव नहीं हो पाता कि हम अपने पूर्वजों की जीवनशैली को फॉलो करें। लेकिन यदि आप अंदर से बहुत थका हुआ, सुस्त और कमजोरी महसूस करते हैं तो आपको अपनी जीवनशैली और आदतों पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। इनमें से एक आदत है सही समय पर नहाना। अक्सर कहा जाता है कि भोजन करने के तुरंत बाद हमें नहाना नहीं चाहिए। आयुर्वेद और मॉडर्न साइंस दोनों इसके पीछे विशेष कारण मानते हैं।


खाने के तुरंत बाद क्यों नहीं नहाना चाहिए
अगर आपको भी खाना खाने के तुरंत बाद नहाने की आदत है तो आपके लिए यह बुरी खबर हो सकती है। वास्तव में भोजन करने के तुरंत बाद नहाने से ब्लड का प्रवाह पेट से शरीर के अन्य हिस्सों में होने लगता है जिसके कारण पाचन क्रिया सुस्त पड़ जाती है और खाना बहुत देर से पचता है।



क्या कहता है आयुर्वेद 
बड़े बुजुर्गों के अनुसार हमें हर काम को सही समय पर करना चाहिए। कोई भी काम गलत समय पर करने से शरीर को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है। आयुर्वेद के अनुसार भोजन करने के बाद शरीर का अग्नि तत्व सक्रिय हो जाता है और यह पाचन में मदद करता है। लेकिन भोजन करने के ठीक बाद नहा लेने से शरीर का तापमान कम हो जाता है और इसके कारण पाचन क्रिया धीमी पड़ जाती है।


क्या कहता है मॉडर्न साइंस 
मेडिकल साइंस के अनुसार नहाने के बाद शरीर का तापमान कम हो जाता है। चूंकि शरीर धीरे धीरे ठंडा होने लगता है जिसके कारण पाचन में सहायता के लिए शरीर के मानक तापमान को बनाए रखने में कठिनाई होती है। इसके परिणामस्वरुप ब्लड का प्रवाह शरीर के अन्य भागों में होने लगता है जिससे पाचन क्रिया धीमी हो जाती है। भोजन न पचने के कारण व्यक्ति को बेचैनी होती है और उसे एसिडिटी और कब्ज की समस्या हो जाती है।


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