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दिल्ली हिंसा : बिहार के युवक की मौत, सब्जी लेकर लौटते समय भीड़ से हो गया सामना

दिल्ली हिंसा : बिहार के युवक की मौत, सब्जी लेकर लौटते समय भीड़ से हो गया सामना


 
संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में भोजपुर के एक युवक की भी जान चली गई है. मृत युवक की पहचान चांदी थाना क्षेत्र के सलेमपुर गांव के दीपक कुमार के रूप में हुई है. शुरुआती दौर में पुलिस की शिनाख्त में उक्त युवक के दिल्ली के ही शाहदरा थाना क्षेत्र के झिलमिल रोलिंग मिल में मजदूर के तौर पर काम करने वाले के रूप में हुई थी. हालांकि दिल्ली में काम कर रहे अन्य भाइयों ने उसके घर लौटकर नहीं आने पर खोजबीन की तो इस घटना का पता चला.


 


गांव में मृतक के चाचा ने बताया कि दिल्ली में रह रहा उनका भतीजा सब्जी लेने बाजार गया था, तभी भड़की हिंसा में पथराव व गोलीबारी की जद में आया. भगदड़ के दौरान ही उसे गोली लग गई और उसकी मौत हो गई. परिवार वालों ने बताया कि शुक्रवार को उसका शव गांव पहुंचेगा, जहां उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा. गांव पर रह रही मृतक की पत्नी सरिता अपने पति की मौत की सूचना पाकर दहाड़ मारकर रो रही है. दीपक के अपने पीछे तीन बच्चों को छोड़ गया बड़ी बेटी खुशी व रिया के रोते-बिलखते चेहरे को देख छह वर्षीय बेटा रितिक भी अपने पिता की मौत पर बुरी तरह रो रहा है.


घटना को ले पूरे इलाके में मातमी सन्नाटा पसरा है. लोगों ने बताया कि वह एक सामान्य मजदूर था, जो मेहनत-मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पालने के लिए दिल्ली गया था और मौत का शिकार हो गया. वहीं इसकी सूचना पाकर जोगता पंचायत की मुखिया दिलकुमारी देवी व उनके प्रतिनिधि संजय मंडल ने परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते राज्य सरकार से दस लाख मुआवजे की मांग की है. उन्होंने कहा कि वोट बैंक की राजनीति में इंसानियत तार-तार होती दिख रही है.


 


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