Chandra Grahan 2020: आपके शहर में कब और कितनी देर तक दिखेगा चंद्र ग्रहण
आज यानी 10 जनवरी 2020 को खगोलीय घटना घटित होनी वाली है। नए साल 2020 का पहला चंद्र ग्रहण रात लभगभ 10।39 मिनट से आरंभ हो जाएगा। इससे पहले पिछले साल 26 दिसंबर को सूर्य ग्रहण था। 10 जनवरी 2020 को लगने वाला यह यह ग्रहण छाया चंद्रग्रहण होगा और यह चंद्र ग्रहण पौष मास की पूर्णिमा पर रात्रि 10:39 मिनट से लेकर 02:40 मिनट तक रहेगा। 10 जनवरी को लगने वाला यह ग्रहण भारत समेत यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका में दिखाई देगा। आज हम आपको बताते हैं आपके शहर में किस समय दिखेगा यह चंद्र ग्रहण।
इन देशों में नजर आएगा चंद्रग्रहण
- भारत समेत एशिया के सभी देश
- ऑस्ट्रेलिया
- अफ्रीका
- यूरोप
- नॉर्थ अमेरिका- भारतीय महासागर
किस शहर में कब दिखेगा चंद्र ग्रहण
दिल्ली
ग्रहण शुरू होने का समय- 10:39
परमग्रास का समय - 12:39
ग्रहण के समाप्त होने का समय - 02:40
खण्डग्रास की अवधि- 04 घंटे 01 मिनट
देहरादून
ग्रहण शुरू होने का समय- 10:39
परमग्रास का समय - 12:39
ग्रहण के समाप्त होने का समय - 02:40
खण्डग्रास की अवधि- 04 घंटे 01 मिनट
वाराणसी
ग्रहण शुरू होने का समय- 10:39
परमग्रास का समय - 12:39
ग्रहण के समाप्त होने का समय - 02:40
खण्डग्रास की अवधि- 04 घंटे 01 मिनट
शिमला
ग्रहण शुरू होने का समय- 10:39
परमग्रास का समय - 12:39
ग्रहण के समाप्त होने का समय - 02:40
खण्डग्रास की अवधि- 04 घंटे 01 मिनट
श्रीनगर
ग्रहण शुरू होने का समय- 10:39
परमग्रास का समय - 12:39
ग्रहण के समाप्त होने का समय - 02:40
खण्डग्रास की अवधि- 04 घंटे 01 मिनट
चंडीगढ
ग्रहण शुरू होने का समय- 10:39
परमग्रास का समय - 12:39
ग्रहण के समाप्त होने का समय - 02:40
खण्डग्रास की अवधि- 04 घंटे 01 मिनट
जयपुर
ग्रहण शुरू होने का समय- 10:39
परमग्रास का समय - 12:39
ग्रहण के समाप्त होने का समय - 02:40
खण्डग्रास की अवधि- 04 घंटे 01 मिनट
जम्मू
ग्रहण शुरू होने का समय- 10:39
परमग्रास का समय - 12:39
ग्रहण के समाप्त होने का समय - 02:40
खण्डग्रास की अवधि- 04 घंटे 01 मिनट
इस साल लगने वाले चंद्र ग्रहण
10-11 जनवरी
5 जून
21 जून
5 जुलाई
30 नवंबर
14 दिसंबर
चंद्र ग्रहण के दौरान न करें ये काम
- हिंदू रीति रिवाजों के अनुसार ग्रहण काल में भगवान की पूजा अर्चना करनी चाहिए या वैदिक मंत्रों का जाप करना चाहिए।
- पुराणों में इस बात का जिक्र है कि अगर ग्रहण काल में जातक भोजन करता है तो उसे पाचन संबंधी कई प्रकार की परेशानियां हो सकती हैं।
- ग्रहण काल में चंद्रमा की किरणें खराब प्रभाव पैदा करती हैं जब ये किरणें खाने पर पड़ती हैं तो खाना दूषित हो जाता है।
- स्कंदपुराण में इस बात का जिक्र है कि अगर जातक ग्रहण काल में किसी दूसरे के घर भोजन करता है तो उसके पिछले 12 सालों का पुण्य समाप्त हो जाता है।
- ग्रहणकाल लगने से पहले भोजन और पानी में तुलसी के पत्ते डाल के रख देने चाहिए। इससे भोजन की शुद्धता बरकरार रहती है।
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