सरकार ने वाहनों के लिए फास्टैग अनिवार्य करने की तारीख 15 दिसंबर तक बढ़ाई गई
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर वाहनों को पथकर चुकाने के लिए फास्टैग अनिवार्य करने की समय सीमा बढ़ा कर 15 दिसंबर कर दी है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इससे पहले घोषणा की थी कि एक दिसंबर से राजमार्गों पर बने पथकर नाकों पर शुल्क केवल फास्टैग के माध्यम से ही स्वीकार किया जाएगा। डिजिटल भुगतान में सहायक फास्टैग लागू करने का यह फैसला नाकों पर भीड़भाड़ और विलंब खत्म करने के लिए किया गया है।
मंत्रालय ने शुक्रवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि लोगों को फास्टैग हासिल करने में सुविधा के लिए कुछ और वक्त देने हेतु अब शुल्क वसूली के नाकों पर 15 दिसंबर 2019 तक सभी गलियारों को 'फास्टैग शुल्क नाका'' घोषित कर दिया जाएगा।
बुधवार तक 70 लाख फास्टैग जारी किए जा चुके हैं। 26 नवंबर को 1,35,583 टैग जारी किए गए जो एक दिन में जारी फास्टैग की अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। फास्टैग खाते में धन डालने के लिए बैंकों के डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग, यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई एप) में से किसी भी माध्यम को अपनाया जा सकता है।
सरकार ने फास्टैग के मामलों में ग्राहकों की सहायता के लिए कस्टमर केयर नंबर 1033 की सुविधा शुरू की है। मंत्रालय ने कहा है कि फास्टैग के ग्राहक बैंकों से भी टैग प्राप्त कर सकते हैं।
क्या है फास्टैग
फास्टैग रेडियो फ्रिक्वेंसी टैग की तरह है, जिसे गाड़ी की साइड स्क्रीन पर लगाया जाता है। इसे समय-समय पर रिचार्ज कराया जा सकता है। इसके लगे रहने का फायदा यह है कि गाड़ी के टोल प्लाजा से होकर गुजरने के दौरान इस टैग के जरिए टोल पर गाड़ी की पहचान हो जाती है। जितना टोल पेमेंट देना होता है, उतनी राशि उस टैग के जरिए खुद से ही कट जाती है। यानी टोल पर रुकने की जरूरत नहीं होती है।
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