IPS Success स्टोरी- IPS Noorul हसन मलिन बस्ती से IPS तक का सफर
उत्तर प्रदेश में बरेली के एक मलिन बस्ती में उनका बचपन बीता | नुरूल हसन भले ही आज आईपीएस अफसर बन गए पर इस मुक़ाम को हासिल करने में उन्होंने कई धारणाओं को गलत साबित किया| उनके परिवार में पैसे की तंगी थी | जैसे गांव के स्कूल का बच्चा शहर के बच्चे से कैसे मुकबला करेगा | हिंदी वाला इंग्लिश वाले के आगे कैसे टिकेगा | कोचिंग वाले के मुक़बले बिना कोचिंग वाला, नौकरी से कैसे वक़्त निकाल पाएंगे, वगैरह-वगैरह. तो आइये इस बार के संडे सक्सेस स्टोरी में देखिये नुरूल हसन की कहानी |
अगर आप में मेहनत से किसी भी हद को पार करने का दृढ़ संकल्प है, तो आप कुछ भी कर सकते हैं. महाराष्ट्र कैडर के आईपीएस अधिकारी, नूरुल ने एक साल BARC में वैज्ञानिक के रूप में काम किया था. हसन पीलीभीत, उत्तर प्रदेश से हैं.
हसन ने 2009 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से बी.टेक की पढ़ाई पूरी की. यही वह जगह थी जहां उन्होंने खुद को विकसित कर सिविल सेवा और कॉर्पोरेट जगत के लिए अपने को कुशल बनाया |
सबसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक को पास करने वाले नूरुल हसन ऐसे सभी उम्मीदवारों के लिए एक प्रेरणा हैं, जो देश की टॉप नौकरशाही परीक्षाओं को पास करने का सपना देखते हैं | नूरुल की प्रारंभिक शिक्षा पीलीभीत में हुई. बाद में उनके पिता को ग्रुप डी की नौकरी मिली और परिवार बरेली शिफ्ट हो गया | हालांकि उनके पिता के पास ग्रेजुएशन की डिग्री थी लेकिन अच्छी नौकरी न मिलने के कारण, उन्हें चौथे दर्जे के कर्मचारी के रूप में काम करते रहना पड़ा |
BARC में 1 साल पूरा करने के बाद वे अपनी पेशेवर उन्नति से संतुष्ट नहीं थे. उन्होंने महसूस किया, मुझे तैयारी शुरू करने की ज़रूरत है, ताकि समाज में बेहतर तरीके से योगदान दे सकूं | फिर उन्होंने साल 2012 में तैयारी शुरू की | 2015 में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में उन्होंने 625वीं रैंक हासिल की |
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