सरकारी स्कूल में झाड़ू लगाते बच्चें,क्या यही बच्चों का भविष्य ?
बच्चें मन के सच्चें, ये कहावत तो सुनी होगी आपने, ये कहावत हकीकत है इन तस्वीरों के देख कर ऐसा ही लगता है।हमारी सरकार हमेशा शिक्षा पर ध्यान देती है और इस पर करोड़ों रुपए भी खर्च करती है। मगर ये क्या? सरकारी स्कूल में बच्चें झाड़ू लगा रहे है। कोई इन्हे रोकने टोकने वाला भी नहीं है।ये बच्चें स्कूल में भविष्य को सुधारने आते है।इन तस्वीरों को देख कर लगता है क्या ऐसे पढ़ेगा इंडिया या फिर ऐसे बढ़ेगा इंडिया।
लोगों से हमारी इस मुद्दे पर बात हुई क्या सरकारी स्कूल में बच्चें पढने जातें है या फिर झाड़ू लगाने
ग्रेटर नॉएडा के समाज सेवी हरिंदर भाटी ने कहा क्या सरकारी स्कूल बच्चों को हम पढने के लिए भेजते है या फिर झाडूं लगाने, हमारा सरकारी तंत्र इस पर ध्यान क्यों नहीं देता है?क्या आप और हम अपने बच्चों को स्कूल में झाड़ू लगाने के लिए भेजते है। गांव और शहरों के स्कूलों में किसी विभाग ने स्किल डेवलपमेंट का कोई प्रोग्राम तो शुरू नही किया है। क्योंकि स्कूल में आज छोटे छोटे बच्चों को झाड़ू लगाते हुए देखा। बच्चे स्कूलों में पढ़ने के लिए जाते है या झाड़ू लगाने के लिये।
समाज सेवी ने क्या कहा
नॉएडा समाज सेवी पूजा से बात हुई उन्होंने कहा ये गलत है मैंइसका पूरा विरोध करती हूँ ।इस मामले में जिला के डीएम को संज्ञान लेना चाहिए ।तभी इसमें कोई सुधार होगा ।कड़ी से कड़ी कारवाही करनी चाहिए ।
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