सेनेटरी नैपकिन महिलाओं की अनिवार्य जरूरतों में से एक: मनीषा भार्गव
नोएडा | आरएचएएम (रोटरी हेल्थ अवेयरनेस मिशन) ने श्री सत्य साईं नाथ संगठन के सहयोग से शनिवार को नोएडा सेक्टर-126 स्थित लोटस वैली इंटरनेशनल स्कूल में एक हजार सेनेटरी नैपकिन का वितरण किया। साथ ही छात्राओ को नैपकिन के प्रयोग करने से होने वाले फायदे के बारे में भी बताया गया।
रोटरी क्लब आॅफ इंदिरापुरम गैलोर की पूर्व अध्यक्ष मनीषा भार्गव ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि सेनेटरी नैपकिन महिलाओं की अनिवार्य जरूरतों में से एक है। इसका कोई विकल्प नहीं हो सकता। मासिक धर्म के दौरान संक्रमण से बचाने के लिए ही नहीं स्वच्छता की दृष्टि से भी सेनेटरी नैपकिन के इस्तेमाल को बढ़ावा देना जरूरी है। इसके लिए महिलाओं को इनके इस्तेमाल को लेकर जागरूक करने की जरूरत हैै। इसके लिए रोटरी हेल्थ अवेयरनेस मिशन काम कर रहा है।
उन्होंने छात्राओं को कहा कि हर 6 घंटे के बाद अपने सेनेटरी नैपकिन को बदलते रहे। पूरे दिन एक ही नैपकिन के प्रयोग से संक्रमण या रैशेस हो सकते हैं। कुछ महिलायें माहवारी के शुरुआती दिनों में सेनेटरी नैपकिन के साथ-साथ कपडे का भी उपयोग करती हैं। ऐसा बिल्कुल न करें। इससे स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं हो जाती है। प्रयोग करने के बाद सेनेटरी नैपकिन को ठीक तरह से डिस्पोज ऑफ करें क्योंकि इससे भी संक्रमण हो सकता है। इसे किसी बैग या पेपर में अच्छे से लपेटकर कूड़ेदान में डालें। नैपकिन को कभी भी टॉयलेट में फ्लश न करें। सेनेटरी नैपकिन से होने वाले रैशेस से बचने के लिए शरीर के इस भाग को हमेशा सूखा रखें। टेलकम पाउडर का प्रयोग करें इससे जिस भाग में सेनेटरी नैपकिन लगाया जाता हैं उसमे नमी नही होती जिससे वो भाग साफ रहता हैं। नए सेनेटरी नैपकिन लगाने से पहले उस भाग को हमेशा साफ करें। इस भाग को साफ करने के लिए किसी तरह के साबुन का प्रयोग न करें। उन्होंने कहा कि सेनेटरी नैपकिन का प्रयोग करते समय इन बातों का ख्याल रखें और खुद भी स्वस्थ रहें और इसके कारण किसी भी तरह के संक्रमण को न फैलने दें।
रोटरी हेल्थ अवेयरनेस मिशन के चेयर डा.धीरज भार्गव ने कहा कि सभी को महिला स्वास्थ्य के प्रति सोचना होगा। रोटरी हेल्थ अवेयरनेस मिशन के तहत इसी पर काम किया जा रहा है। विभिन्न स्कूलों में अब तक कई सैनेटरी नैपकिन वैडिंग मशीन भी लगाई जा चुकी है। इसके अलावा स्कूलों को निशुल्क नैपकिन दी जा ही है। नैपकिन के उपयोग से छात्राओं में जागरूकता आएगी साथ उनके स्वास्थ्य से जुड़े खतरे भी कम होंगे। यह किसी से छिपा नहीं है कि माहवारी के दौरान सेनेटरी नैपकिन्स का प्रयोग न करने के कारण भारत में महिलाएं कई तरह के संक्रमण का शिकार होती हैं। यह संक्रमण महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़ी एक बड़ी समस्या बना हुआ है। इसके चलते गर्भाशय के कैंसर तक के मामले सामने आ रहे हैं। तभी ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को सेनेटरी नैपकिन इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
इस दौरान राजेश मिश्रा, लोटस वैली कोर्डिनेटर अंजलि बाला, प्रधानाचार्या डा.रूचि सेठ, उप प्रधानाचार्या सुचि सिन्हा के अलावा SHRI सत्य साईं सेवा संस्थान के सुरेश, आश व बी.गोयल आदि मौजूद रहे।
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