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हास्य व्यंग्य के माध्यम से समाज की विसंगतियो चोट ....


हास्य व्यंग्य के माध्यम से समाज की विसंगतियो चोट ....


नोएडा लोकमंच अपने सांस्कृतिक प्रकल्प पहला कदम संस्कृति की ओर.... के मध्यम से सात दिवसीय नोएडा लोकमंच नाट्य महोत्सव का आयोजन, नोएडा के इतिहास में पहली बार कर रहा है। नाट्य महोत्सव के पांचवे दिन रंग विशारद थिएटर ग्रुप के साथ मिलकर रसिक संपादक नाटक का मंचन किया गया। रसिक संपादक नाटक जाने-जाने कथा सम्राट लेखक प्रेमचंद की कहानी पर आधारित है। ये कहानी प्रेमचंद की उन कहानियो शामिल है, जो उनकी अन्य प्रचलित कहानी की छाया में छिप जाने के कारण चर्चा में नहीं आ पाई, इस कहानी समाज की विसंगतियो पर हास्य व्यंग्य के माध्यम से चोट की गई है। कहानी काफी पुरानी होने के साथ उन विसंगतियो को दर्शाया गया को आज ‘मी टू’ कॅम्पेन के रूप में चर्चा का विषय बना हुआ है।




रसिक संपादक नाटक एक पब्लिक हाउस के संपादक की कहानी पर आधारित है जो विदुर है और स्वभाव से रसिक। अपने पत्रिका में कवितायो का चयन इस आधार पर नहीं करता है वह रचना कितनी अच्छी और रचनात्मक है, वह चयन के लिए ये सुनिश्चित करता है वो रचना किसी महिला ने लिखी हो और फिर महिला लेखिका को लेकर कल्पना लोक में खो जाता है और स्वपन टूटता है और महिला से रूबरू होता है तोबा करते हुए किसी किसी तरह पीछा छुड़ाने में जुट जाता है और अपने रसिकपन स्वभाव से तोबा करता है। लेकिन जैसे की एक सुंदर महिला सामने आती है। उसका रसिकपन जग उठता है। इस नाटक की परिकल्पना और निर्देशन वाणी शर्मा ने किया है। आलेख एवं संगीत और रसिक संपादक की भूमिका में सुशील शर्मा ने निभाई है। जबकि मनमोहन ठाकुर, मोहम्मद साजिद,प्रीति, मेधा रजत दहिया और वरनाली ने अहम भूमिका निबाही है।



सात दिवसीय नोएडा लोकमंच नाट्य महोत्सव का आयोजन को सफल बनाने में नोएडा लोक मंच के महासचिव महेश सक्सेना, संरक्षक बीडी सिन्हा, कोऑर्डिनेटर इंदर चौधरी, विभा चौधरी, नीरज और मुकुल बाजपेई, लेखा सक्सैना और विभा बंसल का सहयोग मिल रहा है।



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