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भारत के प्रथम राष्ट्रपति डा० राजेन्द्र प्रसाद जी की पुण्य तिथि के अवसर पर सद् भावना सेवा संस्थान ने स्कूली बच्चों के साथ याद किया

भारत के प्रथम राष्ट्रपति डा० राजेन्द्र प्रसाद जी की पुण्य तिथि के अवसर पर सद् भावना सेवा संस्थान ने स्कूली बच्चों के साथ याद किया


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भारत के प्रथम राष्ट्रपति डा० राजेन्द्र प्रसाद जी की पुण्य तिथि के अवसर पर सद् भावना सेवा संस्थान व पहल एक पाठशाला (वंचित बच्चों की पाठशाला )के तत्वावधान मैं एक कार्यक्रम बी०एस० मैमोरिय स्कूल सेक्टर 31 नोएडा मैं हुआ। जिसमें बच्चों को देश के प्रथम राष्ट्रपति डा० राजेन्द्र प्रसाद जी के जीवन के बारे विस्तार से बच्चों को बताया गया ।



सद् भावना सेवा संस्थान के चेयरमेन अनिल सिहं ने बताया कि डा० राजेन्द्र प्रसाद जी का विवाह उस समय की परिपाटी के अनुसार मात्र १३ वर्ष की उम्र मैं ही हो गया था। लेकिन उनके पिता महादेव सहाय संस्कृत एवं फ़ारसी के विद्वान थे। उनकी माता कमलेश्वरी देवी धर्मपरायण महिला थी।


उनकी प्रारंभिक शिक्षा छपरा के ज़िला स्कूल से हुई लेकिन विवाह के बाद भी उन्होंने पटना की टी०के० घोष अकादमी से अपनी पढ़ाई जारी रखी। उन्होंने १९१५ मैं स्वर्ण पद के साथ विधि परासनातक की परीक्षा पास की बाद मैं लॉ के क्षेत्र मैं ही डॉक्टे्ट की उपाधि हासिल की पूरे देश मैं अत्यंत लोकप्रिय होने के उन्हें राजेन्द्र बाबू या देशरत्न कहकर पुकारा जाता है। वे बहुत ही सरल उच्च व्यक्तित्व वाले सज्जन व्यक्ति थे उनकी वेशभूषा भी सादा थी वे एक साधारण किसान जैसे दिखते थे ।डा० राजेन्द्र प्रसाद जी ने अपने जीवन मैं सरल व नि:स्वार्थ सेवा का ज्वलन्त उदाहरण प्रस्तुत किया आज हम सभी को उनके जीवन से शिक्षा लेनी चाहिये व उनके बताये मार्ग पर चलकर अपना व अपने देश का नाम रोशन करने की शपथ ले !


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