गाजीपुर हिंसा में अब तक 19 लोग गिरफ्तार, अखिलेश- CM मंच और सदन में कहते हैं 'ठोक दो',
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर हिंसा(Ghazipur Violence) में एक कांस्टेबल की हत्या मामले में पुलिस ने अब तक 19 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है खबरों के मुताबिक 32 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज हो चुकी है इस मामले में यूपी के डीजीपी ओपी सिंह का कहना है कि गाजीपुर में पथराव के दौरान पुलिस कर्मी कि मौत काफी दुखद है. अभी तक इस मामले में 19 आरोपियों को गिरफतार किया जा चूका है जबकि इस मामले में 3केस दर्ज है. जो भी इस घटना में शामिल है उनके खिलाफ सख्त कारवाई की जाएगी.दरअसल,शनिवार के दिन पीएम मोदी के रैली के बाद बलिया के गाजीपुर कठवा मोड के पास निषाद पार्टी के लोग ने रोड जाम किया था किसी मांग को लेकर, तभी पीएम के रैली से लौट रहे पुलिसकर्मी ने चक्का जाम खुलवाने कि कोशिश कि तभी अचानक पथराव होने लगा, भीड़ ने कई गाड़ियों के शीशे फोड़ दिए गए और एक पुलिस कर्मी सुरेश वत्स की इस घटना में मौत हो गई और कई पुलिस वाले भी घायल हो गए है.यूपी के मुख़्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तुरंत संज्ञान में लेते हुए एसएसपी और डीएम को घटना स्थल पर जाने और आरोपियों के खिलाफ कारवाई करने के आदेश दिए साथ ही पीड़ित परिवार को यानी पथराव में मारे गए पुलिस कांस्टेबल के परिजनों के लिए 50 लाख के मुआवजे का ऐलान किया है.
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इस घटना को जानकारी फैलते ही विपक्ष पार्टियों के नेताओं ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधने लगे.समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव यूपी के सूबे मुख़्यमंत्री को जिम्मेदार ठहराया है.अखिलेश यादव ने इस मामले में निशाना साधते हुए कहा है कि क्योंकि सीएम सदन में हो या मंच पर हो उनकी एकही भाषा है 'ठोक दो'. कभी पोलइ को नहीं समझ आता किसी ठोकना है.. कभी जनता को समझ नहीं आता किसी ठोकना है. इसी बीच घटना में मारे गए कांस्टेबल के बेटे ने अपनी पिता की मौत के लिए पुलिस बल को जिम्मेदार ठहराया.
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आपको बता दें कि शनिवार को पत्थरबाज़ी की घटना में पथराव की घटना में एक कॉस्टेबल की मौत हो गई जबकि दो स्थानीय लोग घायल हो गए. इस घटना से जुड़ा एक वीडियो सामने आया है, जिसमें लोग पथराव करते हुए नज़र आ रहे हैं. वीडियो में मारो-मारो कहते हुए स्पष्ट तौर पर सुना जा सकता है. उग्र प्रदर्शनकारियों को तीतर-बितर करने के लिए पुलिस हल्का बल का प्रयोग करती है.
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