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आखिर कब तक भीड़ बेगुनाहो की हत्या करती रहेंगी ?

आखिर कब तक भीड़ बेगुनाहो की हत्या करती रहेंगी ?


गाजीपुर में शनिवार को भीड़ ने एक पुलिस कर्मी की हत्या कर दी है दरअसल,शनिवार के दिन पीएम मोदी के रैली के बाद जिला बलिया के गाजीपुर कठवा मोड के पास निषाद पार्टी के लोग ने रोड जाम किया था किसी मांग को लेकर, तभी पीएम के रैली से लौट रहे पुलिसकर्मी ने चक्का जाम खुलवाने कि कोशिश कि तभी अचानक पथराव होने लगा, भीड़ ने कई गाड़ियों के शीशे फोड़ दिए गए और एक पुलिस कर्मी सुरेश वत्स की इस घटना में मौत हो गई और कई पुलिस वाले भी घायल हो गए है.यूपी के मुख़्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तुरंत संज्ञान में लेते हुए एसएसपी और डीएम को घटना स्थल पर जाने और आरोपियों के खिलाफ कारवाई करने के आदेश दिए साथ ही पीड़ित परिवार को यानी पथराव में मारे गए पुलिस कांस्टेबल के परिजनों के लिए 50 लाख के मुआवजे का ऐलान किया है.


 



https://cityandolannews.page/32830001.html


 


बुलंदशहर में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार 



आपको बता दें, इस  घटना की चर्चा बुलंदशहर पार्ट - २ के नाम से मीडिया में विषय बना हुआ है, कुछ ही दिन पहले उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में कथित गौकशी के नाम पर अफवाह फैलाने के बाद भीड़ ने रोड जाम किया जिसको बुलंदशहर की पुलिस ने रोकने की कोशिश की, जिसके बाद भीड़ ने आगजनी, पथराव करके उल्टा पुलिस वालो पर हमला कर दिया। इस घटना को रोकने के लिए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार पर भीड़ ने हमला कर दिया जिन्हें अपनी जान गवानी पड़ी । इस भीड़ ने १ युवक की भी जान ले ली । अब ये सवाल उठने लगे हैं कि क्या भीड़ कानून पर भारी पड़ने लगी है ?


 



https://cityandolannews.page/32830001.html


 


अख़लाक़ की हत्या


साल 2015 सितंबर में भी चुनाव से पहले दादरी के बिसाहड़ा में कथित गौकशी की अफवाह के बाद भीड़ ने अख़लाक़ के घर पर हमला करके हत्या कर दी थी । शुरुआत में यूपी के पशु चिकित्सा विभाग की प्राथमिक रिपोर्ट में बताया गया कि 28 'सितंबर की रात दादरी में 52 वर्षीय मोहम्मद अख़लाक़ को जिस मांस की वजह से भीड़ ने पीट पीट कर मार डाला था वह बकरे का मांस था।



 


आपको बता दें, इस बारे में यूपी पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अंग्रेज़ी अख़बार से बातचीत में बताया कि 'सैंपल के लिए भेजा गया मांस गोमांस ही था। लेकिन यह सैंपल अख़लाक़ के घर के अंदर से नहीं, बल्कि पास के तिराहे से लिया गया था। उन्होंने कहा कि इससे यह साबित नहीं होता है कि अख़लाक़ ने मांस खाया था या घर में रखा था। हालांकि बाद में एक और रिपोर्ट मथुरा लैब की आई, इस रिपोर्ट में बताया गया कि वह गोमांस ही था। वहीं पुलिस का कहना था कि यह गोमांस अख़लाक़ के घर से नहीं बल्कि पास के तिराहे से लिया गया था।


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